शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; शायर हूँ शायरी अर्ज़ करता हूँ जो इतनी भी नहीं है बुरी; चुपचाप सुन लो नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे; क्योंकि मेरे पास है छुरी!

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