आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब; कि आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब; जब माँ ने कहा; बेटा खाली बैठा है जा मटर ही छील ले।
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आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब; कि आंसू टपक पड़े बेरोजगार के उस एहसास पर ग़ालिब; जब माँ ने कहा; बेटा खाली बैठा है जा मटर ही छील ले।
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