गिले शिकवे दिल से न लगा लेना; कभी रूठ जाऊं तो मना लेना; कल का क्या पता हम हो न हो; इसलिए जब भी मिलूं; कभी समोसा और कभी पानी पूरी खिला देना।
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गिले शिकवे दिल से न लगा लेना; कभी रूठ जाऊं तो मना लेना; कल का क्या पता हम हो न हो; इसलिए जब भी मिलूं; कभी समोसा और कभी पानी पूरी खिला देना।
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