होठों को छुआ उसने तो एहसास अब तक है; आंखे नम हुई तो सांसो में आग अब तक है; वक़्त गुजर गया पर उसकी याद नही गई; क्या कहूं हरी मिर्च का स्वाद अब तक है!
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होठों को छुआ उसने तो एहसास अब तक है; आंखे नम हुई तो सांसो में आग अब तक है; वक़्त गुजर गया पर उसकी याद नही गई; क्या कहूं हरी मिर्च का स्वाद अब तक है!
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