अंदाज अपने देखते हैं आईने में वो; और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो; कल चौदहवीं की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा; कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा!
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अंदाज अपने देखते हैं आईने में वो; और ये भी देखते हैं कोई देखता न हो; कल चौदहवीं की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा; कुछ ने कहा ये चाँद है कुछ ने कहा चेहरा तेरा!
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