उतरा है मेरे दिल में कोई चाँद नगर से; अब खौफ ना कोई अंधेरों के सफ़र में; वो बात है तुझ में कोई तुझ सा नहीं है; काश कोई देखे तुझे मेरी नज़र से!
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उतरा है मेरे दिल में कोई चाँद नगर से; अब खौफ ना कोई अंधेरों के सफ़र में; वो बात है तुझ में कोई तुझ सा नहीं है; काश कोई देखे तुझे मेरी नज़र से!
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