तेरी सादगी को निहारने का दिल करता है; तमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता है; एक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत की; तुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है।
Like (0) Dislike (0)
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता है; तमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता है; एक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत की; तुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है।
Your Comment