ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में; शराब सा नशा है तेरी निगाहों में; तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिए; दुआऐं मॉगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में।
Like (0) Dislike (0)
ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में; शराब सा नशा है तेरी निगाहों में; तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिए; दुआऐं मॉगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में।
Your Comment