ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है ! ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है ! तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी ! शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है !
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ज़िन्दगी जैसे एक सज़ा सी हो गयी है ! ग़म के सागर में कुछ इस कदर खो गयी है ! तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी ! शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गयी है !
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