जीवन भी विडंबना ही है यह खुशी को जानने की कीमत दुख से वसूलती है मौन की सराहना शोर करता है और अनुपस्थिति में ही उपस्थिति की कद्र होती है।
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जीवन भी विडंबना ही है यह खुशी को जानने की कीमत दुख से वसूलती है मौन की सराहना शोर करता है और अनुपस्थिति में ही उपस्थिति की कद्र होती है।
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