रूठी सी ज़िन्दगी को मनाना तो आता है;लोगों को हँसाना तो आता है; क्या हुआ जो न बस सके किसी के दिल में;लोगों को अपने दिल में बसाना तो आता है।
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रूठी सी ज़िन्दगी को मनाना तो आता है;लोगों को हँसाना तो आता है; क्या हुआ जो न बस सके किसी के दिल में;लोगों को अपने दिल में बसाना तो आता है।
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