आज भी सूना पड़ा है हर एक मंज़र; तेरे जाने से सब कुछ वीरान लगता है; उस रास्ते पे आज भी हम तेरी राह देखते हैं; जहाँ से तेरा लौट आना आसान लगता है।
Like (1) Dislike (1)
आज भी सूना पड़ा है हर एक मंज़र; तेरे जाने से सब कुछ वीरान लगता है; उस रास्ते पे आज भी हम तेरी राह देखते हैं; जहाँ से तेरा लौट आना आसान लगता है।
Your Comment