ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिले; तुझ सा नहीं मिला कोई लोग तो कम नहीं मिले; एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है; जिन को न सह सके ये दिल ऐसे तो गम नहीं मिले।
Like (0) Dislike (1)
ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिले; तुझ सा नहीं मिला कोई लोग तो कम नहीं मिले; एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है; जिन को न सह सके ये दिल ऐसे तो गम नहीं मिले।
Your Comment