तन्हा हो कभी तो मुझ को ढूंढना; दुनियां से नहीं अपने दिल से पूछना; आस-पास ही कहीं बसे रहते हैं हम; यादों से नहीं साथ गुज़ारे लम्हों से पूछना।
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तन्हा हो कभी तो मुझ को ढूंढना; दुनियां से नहीं अपने दिल से पूछना; आस-पास ही कहीं बसे रहते हैं हम; यादों से नहीं साथ गुज़ारे लम्हों से पूछना।
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