तुम ना समझोगे इस तन्हाई के मायने; पूछना है तो शाख से टूटे पत्ते से पूछो क्या है जुदाई; यूँ ना कह दो बेवफा हमें; यह पूछो कि किस वक़्त तेरी याद नहीं आई।
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तुम ना समझोगे इस तन्हाई के मायने; पूछना है तो शाख से टूटे पत्ते से पूछो क्या है जुदाई; यूँ ना कह दो बेवफा हमें; यह पूछो कि किस वक़्त तेरी याद नहीं आई।
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