सर्द रातों को सताती है जुदाई तेरी; आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी; जब भी चलती हैं हवाएं; बहुत परेशान करती है यह तन्हाई मेरी।
Like (1) Dislike (1)
सर्द रातों को सताती है जुदाई तेरी; आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी; जब भी चलती हैं हवाएं; बहुत परेशान करती है यह तन्हाई मेरी।
Your Comment