चोर (बन्दूक तनते हुए संता से): ज़िंदगी चाहते हो तो अपना पर्स मेरे हवाले कर दो। संता: यह लो। चोर: कितने मुर्ख हो तुम मेरी बंदुक मे तो गोली ही नही थी। हा..हा...हा। संता: और मेरे पर्स में भी कहां रुपये थे। हो..हो..हो..।
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चोर (बन्दूक तनते हुए संता से): ज़िंदगी चाहते हो तो अपना पर्स मेरे हवाले कर दो। संता: यह लो। चोर: कितने मुर्ख हो तुम मेरी बंदुक मे तो गोली ही नही थी। हा..हा...हा। संता: और मेरे पर्स में भी कहां रुपये थे। हो..हो..हो..।
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