कोई गिला कोई शिकवा न रहे आप से; ये आरज़ू है इक सिलसिला बना रहे आप से; बस इक बात की उम्मीद है आप से; दिल से दूर न करना अगर दूर भी रहें आप से।
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कोई गिला कोई शिकवा न रहे आप से; ये आरज़ू है इक सिलसिला बना रहे आप से; बस इक बात की उम्मीद है आप से; दिल से दूर न करना अगर दूर भी रहें आप से।
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