थक गया हूँ रोटी के पीछे भाग भाग कर; थक गया हूँ सोती रातों में जाग जाग कर; काश मिल जाये वही बीता हुआ बचपन; जब माँ खिलाती थी भाग भाग कर और सुलाती थी जाग जाग कर।
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थक गया हूँ रोटी के पीछे भाग भाग कर; थक गया हूँ सोती रातों में जाग जाग कर; काश मिल जाये वही बीता हुआ बचपन; जब माँ खिलाती थी भाग भाग कर और सुलाती थी जाग जाग कर।
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