ना जाने कब वो हसीन रात होगी; जब उनकी निगाहें हमारी निगाहों के साथ होंगी; बैठे हैं हम उस रात के इंतज़ार में; जब उनके होंठों की सुर्खियां हमारे होंठों के साथ होंगी।
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ना जाने कब वो हसीन रात होगी; जब उनकी निगाहें हमारी निगाहों के साथ होंगी; बैठे हैं हम उस रात के इंतज़ार में; जब उनके होंठों की सुर्खियां हमारे होंठों के साथ होंगी।
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