मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था; आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था; सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर; मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
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मैं कुछ लम्हा और तेरे साथ चाहता था; आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता था; सुना हैं मुझे बहुत चाहती है वो मगर; मैं उसकी जुबां से एक बार इज़हार चाहता था।
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