वो नजर कहां से लाऊँ जो तुम्हें भुला दे; वो दुआ कहां से लाऊँ जो इस दर्द को मिटा दे; मिलना तो लिखा होता है तकदीरों में; पर वो तकदीर ही कहां से लाऊँ जो हम दोनों को मिला दे!

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