जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें; उनके लिए मन से हमेशा निकलती है दुआएं; बख्शे खुदा सब के गुनाह बस यही करता हूँ दुआएं। रमज़ान मुबारक़
Like (0) Dislike (0)
जिन लोगों तक नहीं पहुँच सकती मेरी बाहें; उनके लिए मन से हमेशा निकलती है दुआएं; बख्शे खुदा सब के गुनाह बस यही करता हूँ दुआएं। रमज़ान मुबारक़
Your Comment