वक्त तू परिंदे की तरह है उपहार बन जाएगा; गया वक्त फिर कभी नहीं वापस आयेगा; कर लो दिल भर के नेकियाँ रमदान मेरा; रमदान तू मेहमान है चला जाएगा!
Like (1) Dislike (0)
वक्त तू परिंदे की तरह है उपहार बन जाएगा; गया वक्त फिर कभी नहीं वापस आयेगा; कर लो दिल भर के नेकियाँ रमदान मेरा; रमदान तू मेहमान है चला जाएगा!
Your Comment