ना पापा की मार से; ना दोस्तों की फटकार से; ना लड़की के इनकार से; न चप्पलों की बौछार से; आप जैसे आशिक सुधरेंगे सिर्फ राखी के त्यौहार से!
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ना पापा की मार से; ना दोस्तों की फटकार से; ना लड़की के इनकार से; न चप्पलों की बौछार से; आप जैसे आशिक सुधरेंगे सिर्फ राखी के त्यौहार से!
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