Home
Aapka Swagat Hai
Shayari Bazar
Mai
Toggle navigation
Menu
English
Punjabi
Hindi
Urdu
Haryanvi
Two-lines
Riddles
Sms
Facebook Status
Jokes
Quotes
Catholic
Home
Hindi
Jeoulousy Shayari
आँखें हैं पर अंधी हूँ; पैर
आँखें हैं पर अंधी हूँ; पैर
आँखें हैं पर अंधी हूँ; पैर हैं पर लंगड़ी हूँ; मुँह है पर मौन हूँ; बतलाओ तो मैं कौन हूँ?
Like
(
48
)
Dislike
(
14
)
Share
Related Post
सदा ही मैं चलती रहती; फिर
एक कुंए में 9 मेंढक थे।
वो क्या है जिसे इस्तेमाल करने
एक आदमी बाथरूम में गया और
ऐसा क्या है जो हमेशा आता
कर बोले कर ही सुने; श्रवण
एक शब्द से वो अलग हो
बड़ा बेसुरा बड़ा कुरूप; काला है
गर्मी में तुम मुझको खाते; मुझको
एक पहेली सदा नवेली; जो बूझो
Your Comment
Login
Your Comment