रंगों में घुले लोग क्या लाल गुलाबी हैं; जो भी देखता है कहता है क्या शाम गुलाबी है; पहले बरस जो भीग गया था होली में; अब तक निशानी का वो रुमाल गुलाबी है। होली मुबारक हो!
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रंगों में घुले लोग क्या लाल गुलाबी हैं; जो भी देखता है कहता है क्या शाम गुलाबी है; पहले बरस जो भीग गया था होली में; अब तक निशानी का वो रुमाल गुलाबी है। होली मुबारक हो!
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