कितनी झूठी है ना मोहब्बत की कसमे देखो ना
तुम भी जिन्दा हो मै भी जिन्दा हुँ

तनहाई में फरियाद तो कर सकता हूँ वीराने को आबाद कर सकता हूँ
जब चाहूँ तुम्हे मिल नहीं सकता लेकिन जब चाहूँ तुम्हे याद कर सकता हूँ

रूठो मत, हमें मनाना नहीं आता
दूर मत जाना, हमें बुलाना नहीं आता
तुम भूल जाओ तुम्हारी मर्जी
मगर हम क्या करें हमें तो भुलाना भी नहीं आता

देखी जो नब्ज मेरी हँस कर बोला वो हकीम
जा जमा ले महफिल दोस्तों के साथ तेरे हर मर्ज की दवा वही है

करो अगर प्यार तो धोखा मत देना; चाहने वालों को दर्द का तोहफा मत देना; आपकी याद में दिल से रोता हो जो वो; प्यार में उसको कभी धोखा मत देना।

दिल तोड़ने वालों को सजा क्यों नहीं मिलती; हर किसी को प्यार में सफलता क्यों नहीं मिलती; लोग कहते हैं इश्क तो बीमारी है; तो फिर मेडिकल स्टोर में इसकी दवा क्यों नहीं मिलती।

कौन समझ पाया है आज तक हमें
हम अपने हादसों के इकलौते गवाह है

गुजर गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझे
अब तू खुदा भी बन जाये तो भी तेरा सजदा ना करू

कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा

प्रेम एक गंभीर दिमागी बीमारी है।

दुनिया की सबसे अच्छी महक उस इंसान की होती है जिससे आप प्यार करते हैं।

कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ तो भी कोई बात नहीं
वैसे भी हम खुशियाँ रखते नहीं बाँट दिया करते हैं

सच्चा प्यार हमेशा गलत इंसान से होता है; और जब सही इंसान से सच्चा प्यार होता है तब वक़्त गलत होता है।

बेशक तुम्हें गुस्सा करने का हक है मुझपे
पर नाराजगी मेँ ये मत भुल जाना की हम बहुत प्यार करते हैं तुमसे

वो मुझे भूल गयी होगी वर्ना
इतनी मुद्दत कोई ख़फ़ा नहीं रहता...!