आज खुदा से मुलाकात हुई थोडी ही सही पर बात हुई
मैने आप लोगो के बारे मे भी पूछा कि ये इंसान कैसे है
खुदा बोला :रिश्ता बनाए रखना बिल्कुल मेरे जैसे है"
आज खुदा से मुलाकात हुई थोडी ही सही पर बात हुई
मैने आप लोगो के बारे मे भी पूछा कि ये इंसान कैसे है
खुदा बोला :रिश्ता बनाए रखना बिल्कुल मेरे जैसे है"
न पीने का शौंक था न पिलाने का शौंक था; हमें तो सिर्फ नज़रें मिलाने का शौंक था; पर क्या करें हम नज़रें भी उनसे मिला बैठे; जिन्हे नज़रों से पिलाने का शौंक था।
जिंदगी में हर गम को छोड़ देना ख़ुशी को नहीं हर मुश्किल को खो देना कामयाबी को नहीं
अगर ज़िन्दगी में कुछ खोना पड़े तो हमें खो देना पर अपनी हसी को नहीं
पूरे परिवार को हफ्ते या एक दिन में एक बार गुनगुनाते हुए दिल से मिलने दो और यह दिल से गाया हुआ गीत उन्हें पूरे दिन सबसे ज्यादा ख़ुशी और ताजगी देगा।
तेरे सीने से लगकर तेरी आरजू बन जाऊँ
तेरी साँसो से मिलकर तेरी खुशबु बन जाऊँ
फासले ना रहें कोई हम दोनो के दरमिआँ
मैं मैं ना रहुँ बस तु ही तु बन जाऊँ
मुबारक हो आपको ये सुहानी रात,
सपनो में होगी हमारी आपसे मुलाकात..
युँ तो बहुत कुछ है कहने को लेकिन,
सोचते है जब आप सामने आओगे तो क्या करेंगे बात
...
जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है; जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है; इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है; वो अमानत अक्सर किसी और की होती है!
ना पूछो हाल मुझसे धड़कनो की रफ़्तार का; असर आज भी है आँखों में मेरे दीदार का; लिख दिया है अपना अफसाना लफ्ज़ो में तुझको; सुन लो मेरी आवाज में एक नगमा प्यार का!
ज़िन्दगी हसीन है , ज़िन्दगी से प्यार करो …..
हो रात तो सुबह का इंतज़ार करो …..
वो पल भी आएगा, जिस पल का इंतज़ार हैं आपको….
बस रब पर भरोसा और वक़्त पे ऐतबार करो
ज़माने से सुना था कि मोहब्बत हार जाती है
जो चाहत एक तरफ हो वो चाहत हार जाती है
कहीं दुआ का एक लफ्ज़ असर कर जाता हैं
और कभी बरसों की इबादत भी हार जाती है
इस संसार में प्यार करने लायक़ दो वस्तुएँ हैं एक दुख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता।
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने
जो कुछ भी मिला है उसी में खुश हुँ...
मै तेरे लिए खुदा से तकरार नही करता..
पर कुछ तो बात है तेरी फितरत में ज़ालिम..
वरना तुझे चाहने की खता बार-बार नही करता..
... मेरी पहचान माँग रहा है...
लगता है जैसे चाँदनी से कोई..
...चाँद का पता माँग रहा है...
वो तो मेरे साऐ के पनाह मे जीती है..
लगता है जैसे तु मेरी जान माँग रहा है...
दिल का दर्द दिल तोड़ने वाले क्या जाने
प्यार के रिवाज़ो को ज़माना क्या जाने
होती कितनी तकलीफ़ लड़की पटाने मैं
ये घर पे बैठा लड़की का बाप किया जाने