हो चुके अब तुम किसी के
कभी मेरी ज़िंदगी थे तुम
भूलता है कौन मोहब्बत पहली
मेरी तो सारी ख़ुशी थे तुम

सिर्फ एक बार आओ हमारे दिल की सल्तनत में
अपना मुकाम देखने..
फिर लौटने का ईरादा हम तुम पर छोड़ देँगे.!!

गरीब -अज़ीब कश्मकश हैं
अंदर सोने जाओ तो भूकंप का डर
बाहर सोने जाओ तो सलमान का डर
सोये तो सोये कहाँ

अपनी आदतों के अनुसार चलने में इतनी गलतिया नहीं होतीं
जितनी दुनिया का लिहाज रखकर चलने में होती हैं

सुनो तुम लाख जतन कर लो मुझे भूलने की पर मैं
तुम्हारी हृदय के एक कोने में बैठा मुस्कुराता ही मिलूंगा

मैने उसके नरम होठो को चुमने की इजाज़त माँगी
वो अपने होठ करीब लाकर बोली पागल प्यार मेँ इजाज़त नही होती

अगर मेरी शायरियो से बुरा लगे तो बता देना दोस्तों
में दर्द बाटने के लिए लिखता हु दर्द देने के लिए नही

वो भी शौकीन हैं इतने कि गूगल पर हमारी शायरी ढूंढते हैं
उनको लगता है कि जज्बात भी बाजार में बिकते हैं

न कर चाह ए दोस्त सुनने को दास्तान ए इश्क़ मेरी
क़तरा क़तरा बिखर जायेगा ज़ुर्रत जो बताने की मैंने कर डाली

मैं तो फ़ना हो जाता हूँ अपनी आँखों में उनका अक्स देखकर
वोह ना जाने कैसे अपनी आँखे आईने में देखती होगी

जिस जिस ने मुहब्बत में अपने महबूब को खुदा कर दिया
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए उनको जुदा कर दिया

💕💕 रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर..
लोगो के मुह पे राम नाम था..
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था..💕💕

अब तो सजाएं बन चुकीं है गुजरे हुए वक्त की
यादें ,
.
ना जानें क्यों मतलब के लिए मेहरबान होते
है लोग

गुफ्तगुँ करते रहा कीजिए,
यही इंसानी फितरत है।
वरना बंद मकानों में
अक्सर जाले लग जाते हैं...।
💕☝

अजीब सी दास्तां है मेरी भी शब्द लिखता हूँ फिर मिटाता हूँ
और कई लोग तो तब तक पूरी शायरी ही लिख डालते है