वो बोली छोड क्लास को film देखने चलते हैं
मै बोला इतनी selfish ना बन उनके लिए भी सोच जो मेरे लिए class में आती है

होटल समझ क़र अदालत में चले गए सामने बेठा जजः बोला ऑडर ऑडर
हमने भी बोल दिया एक सलाद और दो क्वार्

उम्र और ज़िन्दगी में
फर्क बस इतना...
जो तेरे बिन बीति,
वो उम्र
जो तेरे साथ बीति,
वो ज़िन्दगी..

कभी इन अदाओं का जुल्म,कभी इन निगाहों का जुल्म
अगर हम तेरे आशिक़ न होते तो यकीनन तेरे कातिल होते

तेरे गुरूर को देखकर तेरी तमन्ना ही छोड़ दी हमने
जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुम्हे हमारी तरह

नजरे मेरी थक न जाये तेरा इंतजार करते करते
ये जान युही निकल न जाये तुम से इश्क का इजहार करते करते

जरूरी नही हर समय जुबा पर भगवान का नाम आये |वो लम्हा भी भक्ति का होता हैजब इन्सान इन्सान के काम आये ||

तुम खुश-किश्मत हो जो हम तुमको चाहते है वरना
हम तो वो है जिनके ख्वाबों मे भी लोग इजाजत लेकर आते है

हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये
,,
.
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं, मेरी बुराई ना सुन
सके ll

मुझे हाथ की रेखाओं पर इसीलिए विश्वास नहीं है
कैद ये मेरी मुठ्ठी में है क्या खोलेगी किस्मत मेरी

किसी शायर से कभी उसकी उदासी की
वजह पूछना
.
दर्द को इतनी ख़ुशी से सुनाएगा की प्यार
हो जायेगा

मैं सहंम जाता हूँ किसी भी पायल की
आवाज सुनकर !
वो याद आता है जिस बैवफा ने पैरों से
दिल रोंदा था !!

हाल तो पुंछ लू तेरा ...
पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी.......!!
ज़ब ज़ब सुनी हैं .....
कमबख्त मोहब्बत ही हुई हैं ......!!

टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे

मोबाइल पर whatsapp और facebook चलाते चलाते समझ आ गया
कि द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अंगूठा मांगकर गलती नहीं की थी