तुम पत्थर भी मारोगे तो भर लेंगे झोली अपनी
क्योंकि हम यारों के तोहफ़े ठुकराया नहीं करते

हज़ारो मैं मुझे सिर्फ़ एक वो शख्स चाहिये
जो मेरी ग़ैर मौजूदगी मैं मेरी बुराई ना सुन सके

हमें पता था तेरी फितरत में है दगावाजी
हमने तो मौहब्बत ईसलिए कि थी शायद तेरी सोच बदल जाये

हमारी अदा तो हमेशा मुकुरने की थी ओये बेवफा
ज़िन्दगी वीरान हो गयी किसी से दिल लगाने के बाद

उसकी मुहब्बत का सिलसिला भी क्या अजीब है,
अपना भी नहीं बनाती और किसी का होने भी नहीं देती....!!

हमारी कद्र उनको होगी तन्हाईयो में एक दिन,
अभी तो बहुत लोग हैं उनके पास दिल्लगी करने को।।

पगली कहती थी कि वो मेरी रग-रग से वाकिफ है,,,
फिर भी मेरे दिल से निकलने का रास्ता नहीं ढुढ़ पाए...

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो

सूरत नहीं देखी तेरी अरसे से
बस वो आखिरी बार का मुस्कुरा के मिलना आज भी जीने की वजह है मेरी

अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा

ये तेरे याद के बादल जो बसते हे इन आँखों में काजल की तरह
यूँ बेवजह बरस जाना तो इनकी आदत ना थी

तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में शाम ही नहीं होती?

मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ कि वो बेवफा थी
वो उतनी ही वफ़ा, कर सकी जितनी उसकी औकात थी

पगली तु हमारे शौख का अंदाजा कया लगाओगी।।
हम तो मोरारी बापु की कथा भी वुफर मे सुनते है।😎😎

मेरी पागल सी मोहब्बत तुम्हे बहुत याद आएगी
जब हँसाने वाले कम और रुलाने वाले ज्यादा होंगे