उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता

किसी ने मुझसे पुछा की :
"तुम इतने खुश कैसे
रेह लेते हो…??"
तो मेने कहा :-
"मैनें ज़िन्दगी की गाड़ी
से वो साइड ग्लास
ही हटा दिया,
जिसमे पीछे छूटे रास्ते नज़र आते हैं..!

हर इन्शान को भगवान् ने जिंदगी की
ट्रेन का कंफर्म टिकट के साथ रिटर्न
टिकट भी दिया था जिसे आप न
भूले..... और जीवन की यात्रा को
सौहार्दपूर्ण बनाये - जिससे आपका
संस्मरण एक यादगार बन जाए - न की
कष्टदायी...!

यूं बादल भी सहम से जाते हैं दर्दे दिल की कहानी पर
रास्तों मे फिर तनहाई बिखर जाया करती है
हम फिर से अजनबी बन जाते है ज्माने के लिए
और दुनिया का दस्तूर तो देखिए साहब
हमे जान बूझ कर मैहफिल मे बुला लेते हैं आज्माने के लिए