बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे; अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता।
बात इतनी सी थी कि तुम अच्छे लगते थे; अब बात इतनी बढ़ गई है कि तुम बिन कुछ अच्छा नहीं लगता।
मैंने कहा बहुत प्यार आता है तुम पर;वो मुस्कुरा कर बोले और तुम्हे आता ही क्या है।
आँसू निकल पड़े ख्वाब में उसको दूर जाते देखकर
आँख खुली तो एहसास हुआ इश्क सोते हुए भी रुलाता है
नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैं; दूर रहना कोई कमाल नहीं पास आओ तो कोई बात बने!
नज़र को नज़र की खबर न लगे; कोई अच्छा भी इस कदर न लगे; आपको देखा है बस उस नज़र से; जिस नज़र से आपको नज़र न लगे।
जब तु जुदा होता है; तब ज़िंदगी तन्हा होती है; ख़ुशी जो तेरे पास रहकर मिलती है; वो कहाँ लफ़्ज़ों में बयां होती है।
नासमझ तो वो ना थे इतना; कि प्यार को हमारे समझ ना सके; पेश किया दर्द-ए-दिल हमने नगमों में; उसे वो सिर्फ शेर समझ बैठे!
मेरी शायरी की तो जान है तू; दिल में खुदा की पहचान है तू; बिन देखे सूरत तेरी रहूँ मैं उदास; मेरे होंठों की सनम मुस्कान है तू।
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी खामोश रह जाता है! कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी सब बोल जाता है!
आज हर एक पल खूबसूरत है; दिल में मेरे सिर्फ तेरी ही सूरत है; कुछ भी कहे ये दुनिया गम नहीं; दुनिया से ज्यादा मुझे तेरी जरुरत है।
कैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझे; निगाहों में अपनी समा लो मुझे; आज हिम्मत कर के कहता हूँ; मैं तुम्हारा हूँ अब तुम ही संभालो मुझे।
नजऱ का नजऱ से मिलना कभी पयार नही होता; कहीं पे रुक जाना किसी का इंतज़ार नही होता; अरे प्यार तब तक नही होता जब तक इजहार नही होता।
यादो की शमा जब बुझती दिखाई देगी; तेरी हर साँस मेरे वजूद की गवाई देगी; तुम अपने अन्दर का शोर कम करो; मेरी हर आहट तुम्हे सुनाई देगी!
आपने नज़र से नज़र कब मिला दी; हमारी ज़िन्दगी झूमकर मुस्कुरा दी; जुबां से तो हम कुछ भी न कह सके; पर निगाहों ने दिल की कहानी सुना दी।
तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ; जिंदगी तेरी चाहत में सवार लूँ; मुलाकात हो तुझसे कुछ इस तरह; तमाम उम्र बस एक मुलाकात में गुजर लूँ।