ना शौहर बनाया न दीवाना बनाया
उसे कोई रिश्ता ना निभाना आया

मेरे आँसुओ की गवाही ना लेना
तेरे ज़ुल्मो की कहानी बिखर जायेगी

क्या दिल लगी थी उस
से की मैने आखरी ख्वाइश में भी उसकी वफा मांगी

हर रोज़ हर शाम हर सुबह दी है !!
जब भी दी इस दिल ने तेरे हक़ में दुआ दी है !!

तू मिले या ना मिले ये तो और बात है
हम कोशिश भी ना करे ये तो गलत बात है

तू इस तरह से मेरी जिंदगी मे शामिल है जैसे
गुलज़ार की नज़्मों मे चाँद

सितम सब सह लिए तेरे दिल और रूह ने पर
थोड़ा स्वाभिमान अभी बाकी है मुझमें

आँखों से पानी गिरता है तो गिरने दीजिये
कोई पुरानी तमन्ना पिघल रही होगी

शर्मा के दोनों हाथों से चेहरा छुपा लिया
ऐसा लगा जैसे दुआ दे रही थी मुझको वो

बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया

कहीं पर दुआ का इक लफ्ज़ भी असर कर जाता हैं
तो कहीं बरसों की इबादत हार जाती हैं

तुम मेरी ज़िंदगी में शामिल हो ऐसे
मंदिर के दरवाज़े पर मन्नत के धागे हों जैसे

बहुत दर्द छुपा है रात के पहलू में
दुआ करना यारों मुझे हमेशा के लिए नींद आ जाये

छोडो न यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मे
किसी ने कसर नहीँ छोडी दिल दुखाने मेँ

कोई दुश्मनी नही ज़िन्दगी से मेरी बस ज़िद्द है
की किसी के साथ नही जीना चाहता अब