कितनी जल्दी ये शाम आ गई; गुड नाईट कहने की बात याद आ गई; हम तो बैठे थे सितारों की महफ़िल में; चाँद को देखा तो आपकी याद आ गई। शुभ रात्रि।

तुम्हारे पास दो ही विकल्प हैं कुंवारे रहें और शादी के बारे में सोचते रहो; या शादी करलो और मरने के बारे में सोचते रहो। शुभ रात्रि।

तुमसे दूर जाने का इरादा न था; साथ रहने का वादा न था; तुम याद न करोगे ये जानते थे हम; पर इतनी जल्दी भूल जाओगे ये अंदाजा न था। शुभ रात्रि!

चुपके से सुनो धीरे से गिनो; एक छोटी सी बात हो गई है रात; सो जाओ प्यार से सपनो के साथ; बंद करो लाइट मुझे आपसे कहना है गुड नाईट। गुड नाईट!

रोशनी हो चाँद जितनी; ख़ुशी हो गुलाब जितनी; दूरी हो रुमाल जितनी; दोस्ती हो आप जितनी; प्यार हो गॉड जितना; नाईट हो आल आउट जितना। गुड नाईट!

दिल में होंठों पे एक दुआ रहती है; हर घडी मुझे आप की परवाह रहती है; खुदा हर ख़ुशी बख्शे आपको; हर दुआ में एहि गुज़ारिश रहती है। शुभ रात्रि!

शुभ रात्रि। अब सो जाओ नीचे का मैसेज सुबह पढ़ना। . .. ... गुड मोरनिंग। . . . . . . उठ जाओ अब ऊपर का मैसेज शाम को पढ़ लेना रोज़ रोज़ का टेंसन ही खत्म।

आँखों में आंसू की जगह न हो; मेरे पास आपको भुलाने की वजह न हो; अगर भूल जाऊं किसी तरह से; तो खुदा करे जिंदगी की अगली सुबह न हो। शुभ रात्रि!

निकल आया चाँद बिखर गए सितारे; सो गए पंछी छिप गए नज़ारे; खो जाओ आप भी मीठे ख़्वाबों में; देखो रात में सपने प्यारे-प्यारे। शुभ रात्रि।

लगता है ऐसा कि कुछ होने जा रहा है; कोई मीठे सपनो में खोने जा रहा है; धीमी कर दे अपनी रौशनी ऐ चाँद; यार मेरा अब सोने जा रहा है। शुभ रात्रि!

यह कोई सोने का वक़्त है? जब देखो सोते रहते हो? क्या सारी ज़िंदगी सो-सो के बितानी है? और हां जाग जाओ तो शोर मत करना हम सो रहे हैं! शुभरात्रि!

जब भी तेरी दीद का इम्कान रहेगा; दिल और परेशान रहेगा; चलो दूर रह कर ख़्वाबों में मिलते हैं; मिलने का यही रास्ता आसान रहेगा। शुभ रात्रि!

चाँद को बिठाकर पहरे पर; तारों को दिया निगरानी का काम; आई है यह रात सुहानी लेकर आपके लिए; एक सुनहरा सपना आपकी आँखों के नाम। शुभ रात्रि!

जब दोस्ती तो प्यार; जब प्यार तब विश्वास; जब विश्वास तब धोखा; इसका इलाज़ है मेरे पास; झंडू बाम लगाओ और जल्द; आराम पाकर सो जाओ। गुड नाईट!

ज़िंदगी में कामयाबी की मंज़िल के लिए ख़्वाब ज़रूरी है; और ख़्वाब देखने के लिए नींद; तो अपनी मंज़िल की पहली सीढ़ी चढ़ो; और सो जाओ! शुभरात्रि!