ये रात चाँदनी बनकर आप के आँगन में आये; ये तारे सारे लोरी गा कर आप को सुलायें; हो इतने प्यारे सपने आपके; कि नींद में भी आप मुस्कुराएं। शुभ रात्रि!

हम कभी अपनों से ख़फ़ा हो नहीं सकते; दोस्ती के रिश्ते बेवफा हो नहीं सकते; आप भले हमें भुला के सो जाओ; हम आपको याद किये बिना सो नहीं सकते। शुभरात्रि!

बिंदास सोने का रपचिक सपने देखने का; भूत को नहीं देखने का बोले तो आईना नहीं देखने का; और चादर ओढ़ के फुलटॉस सो जाने का बोले तो गुड नाईट! शुभ रात्रि!

आप जो हँसो तो दुनिया हँस जाये; आपकी हँसी इस दिल में बस जाये; होगी मुलाक़ात कल फिर आपसे; यही सोच कर दिल में मेरे खुशियों का रस घुल जाये। शुभ रात्रि!

आप हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं; यह दिल से कहते हैं हम; इसलिए आपको रोज़ याद करते हैं हम; बाकी कुछ कहें न कहें रोज़ रात को आप को शुभ रात्रि कहते हैं हम।

हर सपना ख़ुशी पाने के लिए पूरा नहीं होता; कोई किसी के बिना अधूरा नहीं होता; जो चाँद रौशन करता है रात भर को; हर रात वो भी पूरा नहीं होता। शुभ रात्रि!

मिलने आएँगे आपसे ख्वाबों में; ज़रा रौशनी के दीये बुझा दीजिए; अब और नहीं होता इंतज़ार आपसे मुलाकात का; अपनी आँखों के परदे गिरा दीजिए। शुभरात्रि!

लोग कहते हैं अगर अच्छे लोगों को याद किया जाए तो वक़्त और रात दोनों बहुत अच्छे गुज़रते हैं; इसीलिए मैंने सोचा आप को मेरी याद दिला दूँ। शुभ रात्रि!

चाँद तारों से रात जगमगाने लगी; फूलों की खुश्बू दुनिया महकाने लगी; सो जाईये रात हो गई है काफी; निंदिया रानी भी आपको देखने है आने लगी। शुभरात्रि!

रात है काफी ठंडी हवा चल रही है; याद में आपकी किसी की मुस्कान खिल रही है; उनके सपनों की दुनिया में आप खो जाओ; आँख करो बंद और आराम से सो जाओ। गुड नाईट!

चाँद तारों से रात जगमगाने लगी; फूलों की खुश्बू से दुनियां महकाने लगी; सो जाइए रात हो गई है काफी; निंदिया रानी भी आपको देखने आने लगी। शुभ रात्रि!

सितारों को भेजा है आपको सुलाने के लिए; चाँद आया है लोरी गाने के लिए; सो जाओ मीठे ख्वाबों में; सुबह सूरज को भेजूंगा आपको जगाने के लिए। शुभरात्रि!

सोचा किसी अपने से बात करूँ; अपने किसी ख़ास को याद करूँ; किया जो फैसला गुड नाईट कहने का; दिल ने कहा क्यों ना पहले आपसे ही शुरुआत करूँ। शुभ रात्रि।

चमकते चाँद को नींद लगी; आपकी ख़ुशी से दुनियां जगमगाने लगी; देख के आपको हर कली गुनगुनाने लगी; अब तो फैंकते-फैंकते मुझे भी नींद आने लगी! शुभ रात्रि!

दिन भर की थकान अब मिटा लीजिये; हो चुकी है रात रोशनी बुझा लीजिये; एक खूबसूरत ख्वाब राह देख रहा है आपकी; बस पलकों का पर्दा गिरा लीजिये। शुभ रात्रि!