अगर मुझसे मोहब्बत नही तो रोते क्यूँ हो?
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यूँ हो?
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
“लौट के कब आओगे” पूछते क्यूँ हो?
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अगर मुझसे मोहब्बत नही तो रोते क्यूँ हो?
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यूँ हो?
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
“लौट के कब आओगे” पूछते क्यूँ हो?
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