कौन था व जो मुझको पहचान देकर चलदिया
वेरिदा तहरीर को उन्वान देकर चल दिया ॥
भूखे बच्चो को केवल हसरत थी वासर रोटिंया
मैं उन्हें पत्थर का एक भगवन देकर चल दिया ॥
आख़िरी रात के सफर में गैर भी कुछ साथ थे
अपनेपन का मैं उन्हें सम्मान देकर चल दिया ॥
उसने शिरकत की थी अश्को की तिजारत में मगर
तनहा मुझको छोड़कर नुकसान देकर चल दिया ॥
सर्द संनाहे में दिल को आरजू थी गीत की
राज था व कौन जो तूफान देकर चल दिया ॥

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