रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये
रोशनी में कमी आ जाए तोह बता देना
दिल आज भी हाज़िर हैं जलने के लिये
प्यार सभी करते हैं; मगर; कोई दिल से करता है; तो; कोई दिमाग से करता है।
मुहब्बत त्याग की मां है जहां जाती है बेटे को साथ ले जाती है।
मरहम न सही कोई ज़ख्म ही देदो,
महसूस तो हो कि तुम मुझे भूले नहीं हो!
केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं प्रेम कर सकते हैं।
प्रेम एक ऐसा फल है जो हर मौसम में मिलता है और जिसे सभी पा सकते है।
जो तालाबों पर चौकीदारी करते हैँ
वो समन्दरों पर राज नहीं कर सकते
जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है।
तुम पढते हो इसलिए लिखता हूँ
वरना कलम से अपनी कुछ ख़ास दोस्ती नहीं
थी जिसकी मौहब्बत में मौत भी मंजुर
आज उसकी नफरत ने जिना सिखा दिया
छोटी छोटी बातें दिल में रखने से
बड़े बड़े रिश्ते कमजोर हो जाते हैं
खुद ही मुस्कुरा रहे हो साहिब
पागल हो या मोहब्बत की शुरूआत हुई है
वो मंदिर भी जाता है और मस्जिद भी
परेशान पति का कोई मज़हब नहीं होता
ख़ज़ाने में थे सिर्फ़ दो आँसु मेरे
जब याद आयी आपकी तो वो भी लूट गए
चुइंगम की तरह चबाया करूं नाम तेरा
न हलक से उतरे न फेंकने का मन होय