दिल को किसी आहट की आस रहती है; निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है; तेरे बिना ज़िंदगी में कोई कमी तो नहीं; लेकिन फिर भी तेरे बिना ज़िदगी उदास रहती है।

पंखों को खोल कि ज़माना सिर्फ उड़ान देखता है​​​​​;​​​यूँ जमीन पर बैठकर आसमान क्या देखता है​... ​

Jism se hone wali mohobbat ka izhaar asaan hota
Rooh se Hui mohobbat ko samjhane me jindgi guzar jati he

तजुर्बे ने एक ही बात सिखाई है
नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है
नये परिन्दों को उड़ने में वक़्त तो लगता है
जिस्म की बात नही थी उनके दिल तक जाना था
लम्बी दुरी तय करने में वक़्त तो लगता है

जो हो सके तो चले आओ आज मेरी तरफ़; मिले भी देर हो गई और जी भी उदास है।

​एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है;​​जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है;​​​मैं जो जिंदगी हूँ तो वो भी हैं ​​अना का कैदी;​​​मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है।​

मेरी यह ज़िन्दगी है कि मरना पड़ा मुझे; इक और ज़िन्दगी की तम्मना लिए हुए।

टूट गया दिल पर अरमां वही है; दूर रहते हैं फिर भी प्यार वही है; जानते हैं कि मिल नहीं पायेंगे; फिर भी इन आँखों में इंतज़ार वही है।

मौत बख्शी है जिसने उस मोहब्बत की कसम; अब भी करता हूँ इंतज़ार बैठकर मजार में।

आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती है; आपकी याद बहुत बेक़रार कराती है; जाते-जाते कहीं भी मुलाकात हो जाए आपसे; तलाश आपको ये नज़र बार-बार करती है।

तुम मिलो ना मिलो मिलने का गम नहीं; तुम पास से निकल जाओ तो मिलने से कम नहीं; माना कि तुम्हे कद्र नहीं हमारी; पर उनसे पूछों जिन्हें हम हांसिल नहीं।

भरे हैं काँटों से रास्ते सारे मगर फिर भी हम चले जा रहे हैं; भूल गया है कोई अपना हमें मगर हम उन्हें याद किये जा रहे हैं; आयेंगे एक बार वो फिर ये उम्मीद है; इसी उम्मीद के सहारे हम बस जिए जा रहे हैं।

तुम को फुर्सत जो कभी मिल जाए; तो खुद से मुझको निजात दे देना।

तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू