कितना समझाया इस दिल को कि तू प्यार ना कर; किसी के लिए ख़ुद को तू बेकरार ना कर; वो तेरा नही बन सकता किसी और की अमानत का तू इंतज़ार ना कर।
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कितना समझाया इस दिल को कि तू प्यार ना कर; किसी के लिए ख़ुद को तू बेकरार ना कर; वो तेरा नही बन सकता किसी और की अमानत का तू इंतज़ार ना कर।
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