नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करते; यह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते।
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नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करते; यह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते।
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