पलट के आएगा वो मैं इंतज़ार करती हूँ; कसम खुदा की उसे अब भी प्यार करती हूँ; मैं जानती हूँ कि ये सब दर्द देते हैं मगर; मैं अपनी चाहतों पे आज भी ऐतबार करती हूँ।
Like (0) Dislike (0)
पलट के आएगा वो मैं इंतज़ार करती हूँ; कसम खुदा की उसे अब भी प्यार करती हूँ; मैं जानती हूँ कि ये सब दर्द देते हैं मगर; मैं अपनी चाहतों पे आज भी ऐतबार करती हूँ।
Your Comment