भरे हैं काँटों से रास्ते सारे मगर फिर भी हम चले जा रहे हैं; भूल गया है कोई अपना हमें मगर हम उन्हें याद किये जा रहे हैं; आयेंगे एक बार वो फिर ये उम्मीद है; इसी उम्मीद के सहारे हम बस जिए जा रहे हैं।
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भरे हैं काँटों से रास्ते सारे मगर फिर भी हम चले जा रहे हैं; भूल गया है कोई अपना हमें मगर हम उन्हें याद किये जा रहे हैं; आयेंगे एक बार वो फिर ये उम्मीद है; इसी उम्मीद के सहारे हम बस जिए जा रहे हैं।
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