जिए हुए लम्हों को ज़िन्दगी कहते हैं
जो दिल को सुकून दे उसे ख़ुशी कहते हैं
जिसके होने की ख़ुशी से ज़िन्दगी मिले
ऐसे रिश्ते को दोस्ती कहते हैं

मुस्कराहट का कोई मोल नहीं होता ,
कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता
लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर
लेकिन हर कोई आप सब
की तरह
अनमोल नहीं होता !!!

बस यही दो मसले ज़िन्दगी भर ना हल हुए
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए
वक़्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता
सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता

मैं आज तक नहीं समझ पाया कि
लोगों को "ईश्वर" से शिकायत क्यों रहती हैं
उन्होने हमारे पेट भरने की जिम्मेदारी ली हैं भाई
पेटियां भरने की नहीं.

उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा

उसकी याद हमें बेचैन बना जाती हैं हर जगह हमें उसकी सूरत नज़र आती हैं
कैसा हाल किया हैं मेरा आपके प्यार ने नींद भी आती हैं तो आँखे बुरा मान जाती हैं

वो सामने थी और हम पलके उठा ना सके;
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके;
ना देख ले वो अपनी तस्वीर हमारी आँखों में;
बस यही सोच कर हम उनसे नज़रे मिला ना सके।

हसरत है सिर्फ तुम्हें पाने की, और कोई ख्वाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी, तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की !!

लड़के की जमकर पिटाई करने के बाद
लोगो ने लडकी और उसकी स्कूटी को
उठा कर पूछा....
कहीं चोट तो नहीं लगी..?
लडकी- नहीं! रोज का काम है
स्कुटी सीख रही हूं।

शिष्य ने बुद्ध से पुछा,"ज़हर क्या होता है"?
बुद्ध ने बहुत सुन्दर जवाब दिया...
..."हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में आवश्यकता से अत्यधिक होती है वही ज़हर होती है..."

दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे !
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ,
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !!

हर इन्शान को भगवान् ने जिंदगी की
ट्रेन का कंफर्म टिकट के साथ रिटर्न
टिकट भी दिया था जिसे आप न
भूले..... और जीवन की यात्रा को
सौहार्दपूर्ण बनाये - जिससे आपका
संस्मरण एक यादगार बन जाए - न की
कष्टदायी...!

उस ‪#‎इंसान‬ पर भरोसा करें जो आपके अंदर तीन बातें जान सके. . .
1- आपकी मुस्कुराहट के पीछे छिपा दुःख।
2- आपके गुस्से के पीछे छिपा प्यार।
3- आपके चुप रहने के पीछे का कारण।
"जो आपकी खामोशी से
आपकी तकलीफ का अंदाजा ना
कर सके,
उसके सामने जुबान से तकलीफ
बयान करना लफ्जों को जाया करना है।"