दिल मेरा जो अगर रोया न होता; हमने भी आँखों को भिगोया न होता; दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को; ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता।
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दिल मेरा जो अगर रोया न होता; हमने भी आँखों को भिगोया न होता; दो पल की हँसी में छुपा लेता ग़मों को; ख़्वाब की हक़ीक़त को जो संजोया नहीं होता।
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