अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश; मुद्दतों जीस्त को नाशाद किया है मैंने; तूने तो एक ही सदमे से किया था दो-चार; दिल को हर तरह से बर्बाद किया है मैंने!
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अपने सीने से लगाए हुए उम्मीद की लाश; मुद्दतों जीस्त को नाशाद किया है मैंने; तूने तो एक ही सदमे से किया था दो-चार; दिल को हर तरह से बर्बाद किया है मैंने!
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