अब किस से कहें और कौन सुने जो हाल तुम्हारे बाद हुआ; इस दिल की झील सी आँखों में एक ख़्वाब बहुत बर्बाद हुआ; यह हिज्र-हवा भी दुश्मन है उस नाम के सारे रंगों की; वो नाम जो मेरे होंठों पर खुशबू की तरह आबाद हुआ।

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