आरज़ू यह नहीं कि ग़म का तूफ़ान टल जाये; फ़िक्र तो यह है कि कहीं आपका दिल न बदल जाये; कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो; दर्द इतना देना कि मेरा दम निकल जाये।
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आरज़ू यह नहीं कि ग़म का तूफ़ान टल जाये; फ़िक्र तो यह है कि कहीं आपका दिल न बदल जाये; कभी मुझको अगर भुलाना चाहो तो; दर्द इतना देना कि मेरा दम निकल जाये।
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